दिल तो जले मगर ‘राख ‘ न हो – महफ़िल शायरी
दिल मौजूद न था उन को देखा तो कुछ खोने का एहसास हमे हुआ हाथ सीने पे जो गया तो दिल मौजूद न था Dil Maujood Na Tha Un Ko Dekha To kush khone ka Ehsaas hume Hua Hath Seene Pe jo gaya to Dil Maujood Na Tha बस दुआ है और कुछ नहीं चाहती मैं इस ज़िन्दगी में ‘मेरे रब ’ बस दुआ है के किसी के दुःख की वजह मेरी ज़ात न बने Bas Dua Hai Aur Kuch Nahi Chahti Main is Zindagi Mein ‘Mere Rab’ bas Dua Hai Ke Kisi Ke Dukh Ki wajha Meri Zaat Na Ho.. मुस्कराहट बनाए रखो हर एक ख्याल को ज़ुबान नहीं मिलती हर एक आरज़ू को दुआ नहीं मिलती मुस्कराहट बनाए रखो तो दुनिया है साथ आँसुओ को तो आँखों में भी पनाह नहीं मिलती Muskurahat Banaye Rakho Har Ek khyal Ko Zuban Nahi Milti Har Ek Aarzu Ko Dua Nahi Milti Muskurahat Banaye Rakho To Duniya Hai Sath Aansoo Ko To Ankhoo Mein Bhi Panah Nahi Milti… मोहब्बत की आग करते है मोहब्बत और जताना भूल जाते है पहले खफा होते हैं फिर मनना भूल जाते है भूलना तो फितरत सी है ज़माने की लगाकर आग मोहब्बत की बुझाना भूल […]
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