पंजाब का प्रसिद्ध मंदिर दुर्गिअना मंदिर – Durgiana Temple

देविओ के मंदिर पुरे भारत वर्ष में भी देखने को मिलते है। खासतौर पर उत्तर भारत के पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य में भी काफी मंदिर है। पंजाब के अमृतसर जैसे शहर में दुर्गा देवी का एक बहुत ही बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बिलकुल झील के बीचोबीच स्थित है। इसी वजह से यह मंदिर और भी आकर्षक दिखाई देता है। इस मंदीर का नाम दुर्गिअना मंदिर – Durgiana Temple है इसके अलावा इस मंदिर को और भी कुछ नामो से जाना जाता है। इन सब बातो की जानकारी निचे दी गयी है।

पंजाब का प्रसिद्ध मंदिर दुर्गिअना मंदिर  –  Durgiana Temple

नाम: दुर्गिअना मंदिर
स्थान: अमृतसर, पंजाब
Timing : सुबह 5.30 से रात 10 बजे तक

पंजाब के अमृतसर में स्थित यह दुर्गिअना मंदिर दुर्गा देवी का बहुत ही बड़ा मंदिर है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है।

यह मंदिर स्वर्ण मंदिर की तरह ही दिखता है क्यों की जिस वास्तुकला में स्वर्ण मंदिर को बनाया गया उसी ही वास्तुकला में इस मंदिर को बनाया गया।

दुर्गिअना मंदिर का इतिहास – Durgiana Temple History

इस मंदिर का निर्माण गुरु हरसाई कपूर ने सन 1921 में करवाया था और इसे सिख स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला में ही बनाया गया है। जब यह नया मंदिर बनाया गया उस वक्त इसका उद्घाटन करने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय को बुलाया गया था और उन्होंने ही इसका उद्घाटन किया था।

अभी तक इस मंदिर को पवित्र शहर घोषित नहीं किया गया लेकिन इस मंदिर के 200 मीटर (660फीट) के दायरे के अन्दर तम्बाकू, शराब और मांस बेचने पर पाबन्दी लगाई गयी है। इसी तरह का नियम स्वर्ण मंदिर को भी है।

दुर्गिअना मंदिर का स्थान – Durgiana Temple Location

यह मंदिर लोहागढ़ द्वार के बहुत ही नजदीक है। यह मंदिर अमृतसर रेलवे स्टेशन से बहुत नजदीक है और बस स्टेशन यहाँ से केवल 1.5 किमी की दुरी पर है। यहापर आने के लिए बस,रेलवे और हवाईजहाज से आने की पूरी व्यवस्था है।

अमृतसर के उत्तर पश्चिम दिशा में राजा सांसी हवाईअड्डा है और यहाँ से दिल्ली के लिए जाने की सारी फ्लाइट्स है। दिल्ली, कलकत्ता और मुंबई को जाने के लिए रेल की सुविधा है। राष्ट्रीय महामार्ग 1 दिल्ली और अमृतसर को जोड़ता है।

दुर्गिअना मंदिर की वास्तुकला – Durgiana Temple Architecture

इस मंदिर को एक सुन्दर झील के बिच में बनाया गया है और इस मंदिर की लम्बाई और चौड़ाई 160 मीटर (520 फीट) x 130 मीटर (430 फीट) है। इस मंदिर का जो गुबंद और मंडप है वह सिख धर्म के स्वर्ण मंदिर के जैसा ही है।

इस मंदिर में जाने के लिए एक पुल से होकर गुजरना पड़ता है। इस मंदिर का जो गुबंद है उसपर सोने का मुलामा चढ़ाया गया है। इस मंदिर में ज्यादातर संगेमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इस मदिर में अलग अलग रंगों में रोशनाई की गयी है।

कभी कभी इस मंदिर को रजत मंदिर भी कहा जाता है क्यों की इस मंदिर के सारे दरवाजे चांदी से बनाये गए है। इस मंदिर में हिन्दू धर्म से जुड़े कई सारे महत्वपूर्ण ग्रंथ भी है। यहापर सीता माता मंदिर और बारा हनुमान मंदिर भी है।

दुर्गिअना मंदिर को भेट देने का सही समय – Best Time to Visit Durgiana Temple

जब इस मंदिर में आरती होती है वह समय बहुत ही खास होता है। इसीलिए यहापर आरती में उपस्थित रहना एक अद्भुत अनुभव माना है।

दुर्गिअना मंदिर का समय – Durgiana Temple Timings

यह मंदिर सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है।

दुर्गा देवी का यह मंदिर हिंदू धर्म का मंदिर होने के बाद भी इसके निर्माण में सिख धर्म का प्रभाव दिखाई देता है। मंदिर का परिसर काफी बड़ा है और इसके सभी द्वार बड़े बड़े है। इस मंदिर के जितने भी द्वार है वे सभी चांदी से बनाये गए द्वार है और शायद इसी वजह से भी कुछ लोग इसे रजत मंदिर भी कहते है। इस मंदिर को देखने और देवी के दर्शन करने के एक बार अवश्य आना चाहिए।

Leave a Reply

%d bloggers like this: