नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये
तुम्हारा चाँद सा चेहरा
फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरा
मुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरा
मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा
ऐसी कशिश उस चेहरे में
उस हसीन चेहरे की क्या बात है
हर दिल अज़ीज़ , कुछ ऐसी उसमें बात है
है कुछ ऐसी कशिश उस चेहरे में
के एक झलक के लिए सारी दुनिया बर्बाद है
तेरा होंठो की पंखुडियो
तेरा होंठो की पंखुडियो को तू गुलाब न कहना
वो तो मुरझा जाते है
इनकी लाली को देखकर लगता है
गुलाब भी अपना रंग यही से चुरा कर लाये है
मेहबूब की तारीफ
मेरे मेहबूब की बस इतनी सी तारीफ है
चेहरा जैसे रोशन चाँद शरबती उसकी ऑंखें है
नाज़ुक होंठ कलियों जैसे , दाँत जैसे सफ़ेद मोती है
लंबी घनी ज़ुल्फ़ें उसकी काली , उस पे अदा निराली है
मेरे सपनो की रानी
जब चलती है गुलशन में बहार आती है
बातों में जादू और मुस्कराहट बेमिसाल है
उसके अंग अंग की खुश्बू मेरे दिल को लुभाती है
यारो यही लड़की मेरे सपनो की रानी है
वो मेरी बाहों में है
ऐ वक़्त ज़रा ठहर जा के वो मेरी बाहों में है
जिस्म है ज़मीन पर और रूह हवाओं में है
हसीन वादियां देखूँ या हुस्न -ऐ-हसीन तेरा
तुझ में है वो सब नज़ारे जो फ़िज़ाओं में है
नासाज़ तबियत की फ़िक्र तुझे क्यों मेरे दोस्त”
उनके दीदार में है वो शिफ़ा जो दुआओ में है
फूलों से खूबसूरत
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं
सागर से गहरा कोई नहीं
अब आपकी क्या तारीफ करू
खूबसूरती में आप जैसा जैसा कोई नहीं
खुद को भूल जाता हूँ
नज़र जब तुमसे मिलती है मैं खुद को भूल जाता हूँ
बस इक धड़कन धड़कती है मैं खुद को भूल जाता हूँ
मगर जब भी मैं तुमसे मिलता हूँ मैं खुद को भूल जाता हूँ
तुम्हारे चाहने वाले
हमने सोचा की तुम्हारे चाहने वाले सिर्फ हम है
लेकिन तुम्हारे चाहने वालों का काफिला निकला
जब हमने शिकायत की खुदा से
तो वो खुदा भी तुम्हारा आशिक निकला