साथियों नमस्कार, आज की कहानी ” A Short Story in Hindi – कोरोना से मौत ” खास तौर पर आज के दौर में फैली हुई सबसे घातक बीमारी के इर्द-गिर्द घूमती है| इस कहानी को पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे की कोरोना से होने वाली मौत से किस तरह कई लोगों की ज़िंदगियाँ जुडी हुई है|
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A Short Story in Hindi – कोरोना से मौत
पता नही वो कोन था जो अचानक से आया और कशमकश में डाल कर चला गया। एक बार फिर उसकी आवाज़ कहीं दुर से सुनाई दी तो में अचानक होश में आया तो वापस से कुछ सोचने समझने की शक्ति आयी और दिमाग ने काम करना शुरू किया तो समझ मे आया कि वो आने वाला एक मौत का पैगाम लेकर आया था।
अभी कुछ घंटे पहले की ही तो बात थी जब मैने सुना था कि अब तो तबियत ठीक है ऑक्सीजन लेवल भी नार्मल हो रहा है और फिर अचानक क्या हुआ कि एक दम से उस औरत को मौत ने आ घेरा तभी दुर से किसी के रोने चिल्लाने की आवाज़ सुनाई पड़ी ऐसा लग रहा था जैसे कोई तड़प तड़प कर अपनी जान दे देगा… लेकिन वो कहावत है ना कि कोई किसी के साथ नही जाता हेर इंसान अकेला आया था और अकेला ही वापस जाना है उसे। A Short Story in Hindi
एक वक्त वो था जब अगर किसी महीने गांव में दो मोत हो जाती थी तो लोग डर जाते थे कि मोत का फरिश्ता गांव में ही घूम रहा है लेकिन आज ये केसा समय आ गया है कि हमारे गांव में आज की ये तीसरी मोत थी जिसकी खबर अभी अभी आयी थी लोग डर के मारे घरो से नही निकल रहे है कि कही अगला नंबर उन्ही का ना हो। और आखिर डरे भी क्यों ना ये बीमारी है ही ऐसी की जिसकी हो जाए उसके बस दुआ काम आती है दवाई तो इस बीमारी की अभी तक बनी ही नही है ना।
मेरे कदम खुद ब खुद उस आवाज़ की तरफ बढ़े जा रहे थे उस आवाज़ में तड़प ही ऐसी थी पता नही रोने वाले का क्या रिश्ता होगा मरने वाले से, वेसे तो में भी घर पर ही रुकना चाह रहा था लेकिन कदम थे कि बढ़े ही जा रहे थे। पता नही घर वालो का क्या हाल होगा पता नही भूखे तो नही होंगे न दिमाग मे खुद ब खुद कुछ सवाल उठ रहे थे और फिर खुद ही जवाब भी आ रहे थे।
में अपनी ही उधेड़ बुन में था कि एक बड़ी ही दर्दमयी आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया सामने से कुछ लोग एक आदमी को पकड़े हुए ला रहे थे जो कि लगातार रोए जा रहा था बस उसकी ज़बान पर एक ही बात आ जा रही थी “अरे मेरी बहन तूने भी मुझे छोड़ दिया बाबा की तरह” इस आवाज़ में इतना दर्द था कि में अपने आप पर
काबू नही कर पाया और मेरी आँख से कुछ आंसू निकल कर मेरी आँखों को भिगो गए|
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शायद ये मरने वाली औरत का भाई था जो इस तरह से तड़प रहा था कि उसके रोने को सुन कर उसके साथ वाले भी रो रहे थे, खेर जैसे-जैसे में आगे बढ़ रहा था तो वो रोने की आवाजे अब तेज़ होती जा रही थी| दूर से मुझे एक जगह कुछ लोग इकठे खड़े दिखाई दिए ये वही घर था जहाँ कल तक हंसी गूंज रही थी आज वही मातम छाया हुआ था।
में उस घर के बाहर पुहंचा तो पता चला कि अभी मय्यत आने में वक़्त लगेगा हॉस्पिटल में ये एडमिट थी कई रोज़ से लेकिन उसके घर पर मेहमानों की आवा जाहि शुरू हो गयी थी| फिलहाल अभी घर में सिर्फ एक बहन थी, सास थी और कुछ आस पड़ोस की ओरते थी| वही तड़प रही थी रो रही थी|
कुछ पड़ोसी ओर रिश्तेदार मिलकर ओर इंतज़ामात करने में लगे हुए थे कोई घर में बिछे हुए पलंग को उठा कर बाहर खड़ा कर रहा था कोई लाइट की व्यवस्था करने में लगा हुआ था।
वक़्त बीत रहा था कुछ कुछ देर के बाद गाड़िया आ रही थी और घर के बाहर रुक रही थी उनमे से रोते हुए लोग उतर रहे थे ओर घर में जा रहे थे जैसे ही कोई नया घर मे जाता तो एक दम से तेज़ रोने की आवाज़ आने लगती फिर वक़्त बितता ओर आवाज़ धीरे धीरे हल्की पड़ जाती| A Short Story in Hindi
कुछ रिश्तेदार लगातार मय्यत के साथ आने वाले लोगो से फ़ोन के ज़रिए राब्ता किये हुए थे कि कहा पुहंचे कितनी देर लगेगी…वगेरा वगेरा।
कुछ देर ओर गुज़री थी कि एम्बुलेंस के साईरन की आवाज़ सुनाई पड़ी… सब समझ गए कि उस औरत की मय्यत आ गयी सब अभी एक दूसरे से बता ही रहे थे कि इतने में सामने से एम्बुलेंस आती हुई दिखाई दी अब तक जो लोग साथ साथ थे अब वो दूर होने लगे कोई इधर जाकर खड़ा हो गया कोई उधर|
एम्बुलेंस घर के बाहर आ चुकी थी , एम्बुलेंस का ड्राइवर उतरा ओर उसने पीछे जाकर एम्बुलेंस का गेट खोला… गेट खुलते ही उस औरत का पति जो कि गुम सुम सा बैठा था अचानक अपने घर को देखकर एम्बुलेंस से दहाड़े मरता हुआ उतरा|
लेकिन ये पहली बार देखा कि कोई भी इंसान उस मर्द से जाकर नही मिला किसी ने उसे सहारा नही दिया किसी ने उसको सांत्वना नही दी, किसी ने उसको चुप नही कराया| वो आदमी वही एम्बुलेंस के गेट से सिर लगाकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगा।
अचानक एम्बुलेंस का ड्राइवर ने चारों तरफ देखा और सवालिया नज़रो से सबसे पूछा कि मय्यत को कोन उतारेगा लेकिन जब कोई आगे नही आया तो उस औरत का भाई जो कि वही खड़ा हुआ रो रहा था वो आगे बढा उसको देखकर एक दो लोग ओर आगे बढ़े और उस मय्यत को एम्बुलेंस से निकाल कर घर के अंदर तक पहुँचाया|
मय्यत उत्तर गयी तो एम्बुलेंस वाला भी चला गया लेकिन एक ओर दर्द की लहर छोड़ गया, एम्बुलेंस के जस्ट पीछे एक ओर गाड़ी रुकी हुई खड़ी थी जो इसी इंतेज़ार में थी कब एम्बुलेंस आगे बढ़े और कब वो आगे आये अब जैसे ही वो गाड़ी आकर घर के बाहर रुकी|
उसमे से एक औरत उतरी जिसकी गोद मे एक तीन या चार साल का बच्चा था| जो सब रोने वाली को घूर घुर कर देख रहा था उसे पता ही नही था कि क्या हो गया है वो तो कभी अपने बाप को देखता जो रो-रो कर पछाड़े खा रहा था तो कभी वह इकठठा लोगो को देखता|
ये मरने वाली औरत का छोटा बेटा था जिसको अभी इतनी भी समझ नही थी कि उसके सर से दुआओ का साया उठ गया है और कैसे पता होता भला इतनी छोटी उम्र में तो बच्चों को कुछ सिखाया भी नही जाता|
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तभी एक रिश्तेदार ने आगे बढ़कर उस बच्चे को गोद मे ले लिया और उसको प्यार करने लगा, तभी गाड़ी की दूसरी तरफ से एक लड़की नीचे उतरी जिसके पैरो में न चप्पल थे न सिर पर दुपट्टा हुलिया देख कर ऐसा लग रहा था जैसे सोते से जगा कर लाये हो बाल बिखरे हुए थे आंखे रोने की वजह से लाल थी गाल जो सफेद थे लेकिन उन पर काली काली दरारे सी बन गयी थी|
आंसुओ से उसके मुंह से बस एक ही आवाज़ आ रही थी “मम्मी उठ जाओ”
कुछ और देर के बाद डोर मस्जिद में ऐलान हुआ कि नूर मोहम्मद के फ़रज़न्द की बीवी का जनाज़ा तैयार है जो लोग जाना चाहते हो वो उनके घर पर पुहंच जाए लोगो की बहोत छोटी सी भीड़ जमा होने लगी थी जब देखा कि आने वाले आ चुके है तो कुछ रिश्तेदार आगे बढ़े और घर से जनाज़ा उठा कर सब रिश्तेदारों को पीछे रोता हुआ छोड़कर बाहर आ गए|
मय्यत क़ब्रिस्तान की तरफ चल दी थी रास्ते भर में कोई कंधा दे रहा था तो कोई सिर्फ पीछे चल रहा था इसी भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी थे जो सिर्फ इसलिए जनाज़े के साथ थे क्योंकि मरने वाली औरत एक बड़े घराने से ताल्लुक रखती थी| A Short Story in Hindi
खेर जनाज़ा कब्रिस्तान पुहंचा वह उसकी नमाज़ पढ़ाई गयी और मय्यत को क़ब्र में लिटा दिया गया लोग आगे बढ़-बढ़ कर कुछ मुठ्ठी मिट्टी क़ब्र में डालने लगे| देखते ही देखते क़ब्र को मिट्टी से ढक दिया गया था|
वो औरत जो कुछ समय पहले तक ज़मीन के ऊपर थी आज वो ज़मीन के अंदर सो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बुलबुला था जो अचानक से फुट गया और हवा में ऐसे खो गया जैसे कभी था ही नही|
लोग वापस अपने घरों को जाने लगे कोई हंस कर अपनी बात कर रहा था तो कोई डरा हुआ कह रहा था “सुबह तक तो ठीक थी, बात भी कर रही थी अचानक मौत की खबर आ गयी… साले ये डॉक्टर कुछ कर रहे है|
हर किसी का अपना नजरिया था उसी तरह से वो बात कर रहे थे| लेकिन जाने वाला जा चुका था जो अब कभी लोट कर नही आएगा अपने पीछे सिर्फ अपनी कुछ यादें छोड़ गया है जो कभी हसाएँगी तो कभी रुलाएँगी।
हमारी सभी पढ़ने वालों से गुजारिश है कि कृपया अपने घर पर रहे बिना मास्क के घर से बाहर न निकले आपकी ज़िंदगी सिर्फ आपकी नही है उससे ओर बहोत सी ज़िंदगियां जुड़ी हुई है अगर आप है तो आपकी फैमिली खुश है आप नही जानते कि कोन किस हाल में मिल रहा है खुदा न करे किसी को ये कोरोना बीमारी हो लेकिन अगर हो गयी तो आपकी ज़िंदगी दांव पर लग जाएगी।
A Short Story in Hindi – कोरोना से मौत
वासी काज़मी