Bewafa Shayari in Hindi on Teri Berukhi Ki Aag

कई जन्मों से तेरे पीछे चलते रहे हैं हम,
होते हुए तरल भी पिघलते रहे हैं हम।
तू हो के व्यस्त भूल गया वादे हजार कर के,
तेरी बेरुखी की आग में जलते रहे हैं हम।

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