“गृहवधू के अरमान” Housewife’s Emotional Story in Hindi

Housewife’s Emotional Story in Hindi

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आंचल हमारी कहानी की मुख्य किरदार है. आंचल लाखो औरतो की तरह एक गृहवधू है और  संयुक्त परिवार में रहने वाली एक महिला है. नित प्रतिदिन प्रातकाल उठकर घर के सभी चीज़ों का ध्यान रखती है.

आंचल के परिवार में सात सदस्य है. देवर, ननद ,पति, सास, ससुर, और दो बच्चे है. सभी की छोटी–बड़ी जरूरतों का ध्यान रखना उसका परम कर्त्तव्य है.

सुबह पति के आफिस जाने के लिए टिफ़िन, सास–ससुर की मालिश दवा से लेकर बच्चो का गृह्यकार्य यानी होमवर्क ., सारे काम–काज करती है. भारत में ८० फीसदी औरतें परिवार का ध्यान रखना और दफ्तर के सारे काम बखूबी निभाती है. इसी दैनिक जीवन में सारे कार्य करके अपार ख़ुशी की अनुभूति होती है. ननद, देवर के प्रति सारी जिम्मेदारी निभाती है.

Husband Wife Emotional Story in Hindi

आंचल एक ग्रेजुएट थी लेकिन आगे पढ़ने के बारे में सोचना उसके लिए कठिन पर्वत की चढाई करने के बराबर थी. घर की इतनी सारी जिम्मेदारी उसके कंधे पर थी.

आंचल एक कर्तव्यपरायण स्त्री थी. वह घर में सभी सदस्यों के प्रति जिम्मेदारी निभाने से पीछे न हटी.

ननद की शादी दो महीने बाद थी. अपने पति से वह आगे अपने शिक्षा प्राप्ति करने के विषय हेतु बात करना चाहती थी. आंचल के मन में उथल–पुथल चल रहा था. 

अगले दिन सवेरे सभी को नाश्ता पड़ोसनें के बाद अपने पति से कहा -“सुनिए ! मैं अपनी आगे की शिक्षा पूर्ण करना चाहती हूँ. मैं आपसे इस विषय में चर्चा करना चाहती हूँ. यह सुनकर विजय असमंजस में पड़ गए और कहा “इस उम्र में आगे पढ़कर क्या करोगी? घर के काम– काज से वक्त मिलेगा तुम्हे !

आंचल ने कहा ” जी जी मैं सब संभाल लूँगी!”

विजय ने कहा ” मैं माँ–बापूजी से विचार–विमर्श करके उत्तर दूंगा “

एक महीना बीत गया और विजय इस बात को किसी बहाने से टालता रहा. आंचल अब भी मन में आस लगाए हुए बैठी विजय के जवाब का इंतज़ार कर रही थी. आंचल ने खुद बात करने की ठानी.

विजय अपने कुछ मित्रों के साथ शाम को घर पर आया. आंचल का जन्मदिन था. बदकिस्मती ये थी की उसका जन्मदिन किसी को याद नहीं आया. विजय के एक मित्र ने कहा ” भाभी जी कहाँ काम करती है?”

विजय ने कहा -” सिर्फ घर के काम और कुछ नहीं “

विजय अपने मित्रों से कहीं घूमने जाने की बात करने लगा . विजय को अपने मित्रों …

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“मेरी रानी बिटिया तो राज करेगी” Emotional Story in Hindi

दोस्तों मैं आपको एक ऐसी Emotional Story in Hindi सुनाने जा रही हो जो हर किसी को पढनी चाहिए. अगर आप पिता है तो अपनी बेटी के लिए पढ़े, अगर भाई है तो बहन के लिए और अगर पति है तो अपनी पत्नी के लिए ये इमोशनल स्टोरी ज़रूर पढ़े.

Emotional short story in hindi

मेरा नाम कीर्ति है लेकिन ये कहानी मेरी नहीं बल्कि मेरी बेस्ट फ्रेंड आयशा की है. आयशा एक upper middle class फॅमिली से थी और बहुत चुलबुली थी. हम दोनों स्कूल में एक साथ पढ़ते थे. आयशा इतनी खूबसूरत थी कि मानो किसी फिल्म की हीरोइन हो. आयशा अपने घर अकेली बेटी थी और इसीलिए उसे बचपन से ही खूब प्यार मिला था. एक बार मैं आयशा के घर पर थी तो उसकी माँ ने उसे डांटते हुए कहा “आयशा…पढाई में भी दिल लगाया कर वर्ना इस बार बी ए की परीक्षा में पास नहीं होगी.” उसकी माँ ने इतना ही कहा था कि आयेशा के पिता बोल पड़े “अरे..रहने दो तुम…मैं अपनी बिटिया के लिए सबसे अमीर घर ढोंडूगा, मेरी बिटिया तो राज करेगी..राज”

आयशा के पिता की बातो से लगता था कि वो उसकी शादी किसी बहुत बड़े घर में करेंगे. मेरी बी ए की पढाई ख़त्म हो गयी और मैं MA करने किसी दुसरे शहर चली गयी. अब मेरी आयशा से बात नहीं होती लेकिन मैंने कई बार उसके बारे में सोचा था. आयशा को मिले अब 6 साल हो गए, मेरी भी शादी हो चुकी है और यकीनन आयशा की भी हो चुकी होगी.

Father Daughter Emotional Story in Hindi

एक दिन मुझे किसी काम से बाज़ार के साइबर कैफ़े में जाना था. जब मैं Cyber Cafe से बाहर आई तो एक लड़की खड़ी थी जो कि बहुत जानी पहचानी लग रही थी. गौर से देखा था तो मैं ख़ुशी से उछल पड़ी क्यूंकि ये आयशा थी. मैं उसके पास गयी और उसे गले लगाया और उसका हाल चाल पूछा. अभी मैं कुछ और पूछती, आयशा ने कहा “कीर्ति मैं अपनी बेटी को स्कूल से लेने आई हु, उसका छुट्टी का टाइम हो गया है, फिर कभी मिलूंगी तुमसे”.

मैंने मन ही मन सोचा “हम दोनों बेस्ट फ्रेंड्स थे लेकिन ये आयशा इतना अजीब तरह से क्यों पेश आ रही है. पहले तो ये बहुत मस्त चुलबुली हुआ करती थी”. मैं अगले दिन फिर उसी साइबर कैफ़े में काम से गयी तो आयशा वही खड़ी हुई थी. इस बार मैंने उसका …

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भीम और हनुमान जी की धार्मिक कथा – God Story in Hindi

Bhim and Hanuman Story in Hindi

महाभारत की लड़ाई और इसके किरदारों के बारे में तो हम सब जानते ही है। हमे बचपन से ही महाभारत ग्रन्थ के बारे में पढ़ाया गया है। इस ग्रन्थ में एक ऐसा किरदार था जिसके बारे में लोग आज भी बाते करते है। भीम सारे पांडव भाइयों में सबसे शक्तिशाली था और कहा जाता है भीम के अंदर 100 हाथियों की शक्ति का बल भी था। लेकिन कभी कभी ये वरदान किसी ना किसी इंसान को घमंडी बना ही देता है। ऐसा ही एक किस्सा भीम के साथ हुआ था, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है।

एक वानर ने तोड़ा भीम का घमंड

एक समय की बात है जब भीम जंगल से गुज़र रहे थे। उस दौरान भीम पांडवो को मिली लज़्ज़ा से काफी गुस्सैल किस्म के बन गए थे। उस समय वन से गुजरते हुए उन्हें रास्ते में एक वानर दिखाई दिया जो उनके रास्ते को रोक कर लेटा हुआ था। उस वानर को बीच रास्ते में लेटा देख भीम को गुस्सा आ गया क्यूंकि उससे पहले कभी किसी ने भीम का रास्ता नहीं रोका था। उस वानर को बीच रास्ते में पूँछ फैलाये देख भीम ने उससे अपनी पूँछ हटाने को कहा लेकिन उस वानर ने ये कहते हुए पूँछ हटाने से इंकार कर दिया की वह बूढा है और खुद पूँछ नहीं हटा सकता।

पूँछ नहीं हटा पाये भीम, वानर ने दिया अपना परिचय

भीम को अपनी शक्ति पर काफी घमंड था लेकिन वो लाख कोशिशों के बाद भी उस वानर की पूँछ को अपनी जगह से हिला तक नहीं पाया। इसके बाद भीम को काफी आश्चर्य हुआ और अपने घुटनों पर बैठते हुए उसने वानर से पूछा की ‘मैं आपकी पूँछ तक नहीं हिला पाया, आप है कौन’। तभी उस वानर ने अपना परिचय दिया और बताया कि वो रामायण काल के हनुमान थे। वानर ने आगे कहा कि तुम्हारे पास कितनी भी शक्ति हो लेकिन अगर तुम्हारे पास श्रद्धा और विनय नहीं है तो तुम्हारा पतन जरूर होगा।

कृष्ण ने की थी ये सारी रचना

सभी पांडव भाइयों में अर्जुन और भीम में सबसे ज्यादा घमंड था इसलिए ये सब कृष्ण द्वारा घमंड तोड़ने के लिए ही रचा गया था। भीम की तरह अर्जुन को भी यही लगता था कि उसे कोई नहीं हरा सकता। इसी वजह से कृष्ण उसे हर बार यही समझाते थे की रणभूमि में सामने वाला मूर्ख नहीं है इसलिए कभी घमंड …

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शबरी की कथा – रामायण युग की एक धार्मिक स्टोरी – Shabri ki katha

Shabri ki katha in Hindi

शबरी का वास्तविक नाम श्रमणा था। वह श्री राम की अनन्य भक्त थी। शबरी का जन्म भील जाति में हुआ था। जब उसका विवाह होने वाला था तो अगले दिन भोजन के लिए काफी बकरियों की बलि दी जानी थी। यह बात पता लगते ही उसने अपनी माता से इस जीव हत्या का रोकने का अनुरोध किया। पर उसकी माता ने बताया कि वे भील हैं और यह उनके यहां का नियम है कि बारात का स्वागत इसी भोजन से होता है। वह यह बात सहन नहीं कर सकी। शबरी नहीं चाहती थी कि उसके कारण इतने सारे जीवों की हत्या हो।अतः वह चुप चाप रात के समय घर छोड़ कर जंगलों की और निकल पड़ी।

Sabri history in hindi

जंगल में वह ऋषि-मुनियों की कुटिया पर गयी और आश्रय मांगा किन्तु भील जाति की होने के कारण सबने उसे दुत्कार दिया। आखिर में मतंग ऋषि ने उसे अपने आश्रम में रहने के लिए आश्रय दिया। शबरी अपने व्यवहार और कार्य−कुशलता से सभी आश्रमवासियों की प्रिय बन गई।

मतंग ऋषि ने अपनी देह त्याग के समय उसे बताया कि भगवान राम एक दिन उसकी कुटिया में आएंगे! वह उनकी प्रतिक्षा करे ! वही उसका उद्धार करेंगे। दिन बीतते रहे। शबरी रोज सारे मार्ग और कुटिया की सफाई करती और प्रभु राम की प्रतीक्षा करती। ऐसे करते करते वह बूढी हो चली, पर प्रतिक्षा करना नही छोडी क्यूंकि गुरु के वचन जो थे !

शबरी ने सारा जीवन श्री राम की प्रतीक्षा की। i अंत मे शबरी की प्रतिक्षा खत्म हुई और भगवान श्रीराम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज करते हु्ए मतंग ऋषि के आश्रम में जा पहुंचे। शबरी ने उन्हें पहचान लिया। उसने प्रभु श्री रामचन्द्र जी का आदर सत्कार किया। शबरी भागकर कंद−मूल लेकर आई । कंद−मूलों के साथ वह कुछ जंगली बेर भी लाई थी। कंद−मूलों को उसने भगवान को अर्पण कर दिया। पर बेरों को देने का साहस नहीं कर पा रही थी। कहीं बेर ख़राब और खट्टे न निकलें, इस बात का उसे भय था। उसने बेरों को चखना आरंभ कर दिया। अच्छे और मीठे बेर वह बिना किसी संकोच के श्रीराम को देने लगी।

Ramayan story in hindi

श्रीराम उसकी सरलता पर मुग्ध थे। उन्होंने बड़े प्रेम से जूठे बेर खाए। शबरी के झूठे बेर श्रीराम को खाते देख लक्ष्मण को बहुत आश्चर्य हुआ।परन्तु श्री राम शबरी की भक्ति और सरलता पर पूर्ण रूप से …

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श्रेया और सुरेन्द्र की लव स्टोरी New Sad Love Story in Hindi

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दोस्तो मेरा नाम श्रेया है। मैं दिल्ली में रहती हूँ। ये मेरी sad breakup story है, जो मैं आपको सुनाने जा रही हूँ। मैं सुरेन्द्र से बहुत प्यार करती थी और शायद वो भी।

सुरेन्द्र जिसे मैं प्यार से बाबू बोलती थी, मेरी दोस्त के टीचर थें। बात दिसम्बर 2020 की है जब मेरे फूफा जी की Death हुई थी वो मुझे msg किये। हम दोनों daily msg से बात करने लगे। मुझे भी उनसे बात करना अच्छा लगता था। उस समय मेरा break up हो गया था और सुरेन्द्र एक शादीशुदा इंसान थे जिनको कुछ दिनों पहले एक लड़की हुई थी, जिसके पैर में problem थी, family का tensions उनकी wife का मायके में होना हम दोनों के जीवन में जो खालीपन था उसे भरने के लिए इतना ही काफी था। बात करते-करते कब हम करीब आ गए पता ही नहीं चला! समय ऐसे गुजर रहा था जैसे ईश्वर भी हम दोनों को एक होने के लिए ही भेजा है परंतु होनि को तो कुछ और ही मंजूर था।

New Heart Touching Love Story in Hindi

उनकी Care करना,नहाना, खाना, सोना मेरी लाइफस्टाइल को बहुत ज्यादा effect करता था। मैं दिल्ली जैसे बड़े शहर में थी और वह गाजीपुर के एक छोटे से गांव में रहते थे लेकिन मुझे कभी लगा नहीं कि वो मुझसे इतना दूर हैं।

एक बार की बात है शाम को जॉब की बात करते समय आपने मुझे Government servant कह दिया था और उसी बात पर हम दोनों में 1 घंटे से ज्यादा लड़ाई हुई आपने मुझे बहुत डांटा। हम दोनों को एक दूसरे से प्यार नहीं होता तो हमारा रिश्ता उसी दिन खत्म हो जाता।

मेरे बाबू का रूठना मुझे बेचैन कर देता था।सच्चाई तो यह थी कि मैंने उनके साथ जीने-मरने की कसम खा ली थी। जहां तक मुझे याद है एक बार खेत में आप सिंचाई कर रहे थें तो मैंने आपसे पूछा कि Do you love me? तो आपने कहा हाँ! Uncle हैं बाद में बात करता हूँ।

अगले दिन अपने पापा को लेकर अस्पताल गए थे वहां से मुझे msg किये BABU SONA New name फिर क्या! प्यार की शुरुआत उसी दिन हो गई थी, हमारी चैटिंग भी देर रात 3:00 बजे तक होती थी फैमिली की बातें etc..एक बार night में आपने मुझसे question किया कि निषेचन क्या होता है? मुझे हिंदी नहीं आती थी मैंने गूगल सर्च करके आपको Reply दिया।

ऐसे ही हम दोनों में रोमांटिक …

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भूतिया कॉल सेंटर की कहानी Scary Call Center Story in Hindi

Scary Call Center Story in Hindi

सायापूर शहर में, ‘शांतिकुंज’ नाम का कॉल सेंटर था। इस कॉल सेंटर में, शहर के कई युवक और युवतियां,सफाई कर्मचारी, अन्य कर्मचारी काम करते थे। इस कॉल सेंटर में बहुत सारी प्रोसेस थी जैसे की, मोबाइल के प्रश्नों के उत्तर के लिए, ऑनलाइन फूड ऑर्डर के बारे में प्रश्नों के उत्तर के लिए, सिम कार्ड सबंधित जानकारी और प्रश्नों,बैंकिंग सेवाओं से संबंधित जानकारी के लिए, पश्नो के लिए, आदि। युवक – युवतियां, सुबह ६ से लेकर शाम को ७ बजे के बीच में काम करते थे। इस कॉल सेंटर में सबकी अलग – अलग शिफ्ट थी, किसी की ६ से ३, किसी की ८ से ५,९ से ६,आदि। सबसे अंतिम शिफ्ट थी १० से ७ की, उसके बाद कोई भी काम नही कर सकता था। अगर किसी का काम अधूरा रह गया हो, तो वह कल सुबह जल्दी आकर काम खत्म कर लेता; लेकिन रात को रुकते नहीं। शाम को ७ बजे के बाद, इस कॉल सेंटर के नाम की तरह चारो ओर शांति का वातावरण छा जाता।

यह शांति के वातावरण के साथ ही, यहाँ पर कुछ प्रेत आत्माएं रात को आवाज करती और भय का माहोल फैलाती, ऐसा आसपास के लोगों का कहना था। कुछ लोगों तो यह भी कहना था कि उनका घर कॉल सेंटर से थोड़ी दूरी पर है, फिर भी रात को किसी के रोने की, हसने की आवाजें, पूरी रात सुनाई देती। ये आवाजे सुबह ४ – ५ बजे तक चलती। कॉल सेंटर के कुछ कर्मचारी तो शाम के ६ बजे से ही डरने लगते थे, ठीक ७ बजे सारा कॉल सेंटर खाली हो जाता। सिक्योरिटी गार्ड भी रात को नहीं रुकते थे। उनकी ड्यूटी सुबह से शाम तक की ही होती थी।

रात की शिफ्ट न होने के कारण, इस कॉल सेंटर को काफी नुकसान होने लगा, काम लगातार बढ़ने लगा और नौबत यहां तक आ गई की इस कॉल सेंटर के मालिक ने, अपना बिजनेस बेचकर किसी ओर व्यक्ति को दे दिया। उस व्यक्ति का नाम था, मनोज कुमार। मनोज कुमार को पुराने मालिक, पूरे स्टाफ ने बताया था की वह रात की शिफ्ट ना रखे; लेकिन मनोज कुमार ने उनकी एक नहीं सुनी। मनोज कुमार भूत-प्रेत पे विश्वास नहीं करते थे।उन्होंने कुछ कर्मचारियो और युवकों को रात की शिफ्ट में काम करने के लिए, दुगनी तनख्वाह देने का वादा किया। दुगनी तनख्वा की लालच में, कुछ कर्मचारी और युवक काम करने के लिए मान गए।…

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अपनों की कीमत – Mata Pita Ki Seva

माता पिता की सेवा जरुरी है

“एक बार जरुर पढे” कहानी –

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा….

छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया…

अब फाइनल इंटरव्यू कंपनी के डायरेक्टर को लेना था…

और डायरेक्टर को ही तय करना था कि उस छात्र को नौकरी पर रखा जाए या नहीं…

डायरेक्टर ने छात्र का सीवी (curricular vitae) देखा और पाया कि पढ़ाई के साथ- साथ यह छात्र ईसी (extra curricular activities) में भी हमेशा अव्वल रहा…

डायरेक्टर- “क्या तुम्हें पढ़ाई के दौरान कभी छात्रवृत्ति (scholarship) मिली…?”

छात्र- “जी नहीं…”

डायरेक्टर- “इसका मतलब स्कूल-कॉलेज की फीस तुम्हारे पिता अदा करते थे..”

छात्र- “जी हाँ , श्रीमान ।”

डायरेक्टर- “तुम्हारे पिताजी क्या काम करते है?”

छात्र- “जी वो लोगों के कपड़े धोते हैं…”

यह सुनकर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा- “ज़रा अपने हाथ तो दिखाना…”

छात्र के हाथ रेशम की तरह मुलायम और नाज़ुक थे…

डायरेक्टर- “क्या तुमने कभी कपड़े धोने में अपने पिताजी की मदद की…?”

छात्र- “जी नहीं, मेरे पिता हमेशा यही चाहते थे कि मैं पढ़ाई करूं और ज़्यादा से ज़्यादा किताबें पढ़ूं…

हां , एक बात और, मेरे पिता बड़ी तेजी से कपड़े धोते हैं…”

डायरेक्टर- “क्या मैं तुम्हें एक काम कह सकता हूं…?”

छात्र- “जी, आदेश कीजिए…”

डायरेक्टर- “आज घर वापस जाने के बाद अपने पिताजी के हाथ धोना…फिर कल सुबह मुझसे आकर मिलना…”

छात्र यह सुनकर प्रसन्न हो गया… उसे लगा कि अब नौकरी मिलना तो पक्का है,

तभी तो डायरेक्टर ने कल फिर बुलाया है…

छात्र ने घर आकर खुशी-खुशी अपने पिता को ये सारी बातें बताईं और अपने हाथ दिखाने को कहा…

पिता को थोड़ी हैरानी हुई…लेकिन फिर भी उसने बेटे की इच्छा का मान करते हुए अपने दोनों हाथ उसके हाथों में दे दिए…

छात्र ने पिता के हाथों को धीरे-धीरे धोना शुरू किया। कुछ देर में ही हाथ धोने के साथ ही उसकी आंखों से आंसू भी झर-झर बहने लगे…

पिता के हाथ रेगमाल (emery paper) की तरह सख्त और जगह-जगह से कटे हुए थे…

यहां तक कि जब भी वह कटे के निशानों पर पानी डालता, चुभन का अहसास पिता के चेहरे पर साफ़ झलक जाता था…।

छात्र को ज़िंदगी में पहली बार एहसास हुआ कि ये वही हाथ हैं जो रोज़ लोगों के कपड़े धो-धोकर उसके लिए अच्छे खाने, कपड़ों और स्कूल की फीस का इंतज़ाम करते थे…

पिता के हाथ …

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लव के लिए सुसाइड की रियल कहानी Suicide Story in Hindi

Very Sad suicidal short stories hindi

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दोस्तों आज मैं आपको एक रियल कहानी बता रहा हूँ। यह कहानी मेरे दोस्त की हैं, जो अपने प्यार में असफलता के लिए आत्महत्या कर ली। पिछले 15 साल से उसे मैं जनता था। वो मेरे बगल गांव का रहने वाला था। एक बिंदास लड़का था। जब भी उससे मिलते थे, बहुत अच्छे से बातें करता था। हमेशा हंसी-मज़ाक के मूड में रहता था और एक अच्छा फॅमिली से भी बिलोंग करता था।

उसके गांव के पास एक छोटा सा मार्किट था, जिसमे हम शाम में रोज चाय-नाश्ता करने जाया करते थे। और अक्सर वो दोस्त मिल जाता था। लेकिन कुछ दिनों से उसका स्वभाव बदला सा रहता था। जब भी मिलते वो अक्सर फ़ोन में बिजी रहता था। दूर से ही हमें देख कर स्माइल करता था लेकिन हमारे पास बात करने नहीं आता था।

एक दिन मैं उसके पास गया और बोला “क्या बात हैं हमें आज-कल टाइम नहीं देते हों? और किस्से इतना बिजी रहते हो?” तो उसने मुझे जवाब दिया ” ऐसा बात नहीं हैं भाई बस मुझे अपनी जिंदगी मिल गयी इसलिए इतना बिजी रहता हूँ। मतलब तुम्हारी भाभी मिल गयी हैं” इतना बोल वो हस्ते हुवे दूर चला गया। यही मेरी उससे आखिरी बात हुई।

फिर कुछ दिन बिता, हमारी इसी तरह स्माइल वाली मुलाकात होती रही, लेकिन कभी बात नहीं हुई। एक दिन रात को मेरे एक दूसरे दोस्त का फ़ोन आया। उसने बताया की बगल गांव का रहने वाला दीपक(काल्पनिक नाम) सुसाइड कर लिया हैं। थोड़ा देर के लिए मुझे विश्वास नहीं हुवा। मैं फ़ोन काट के, डायरेक्ट उसी को (दीपक) को फ़ोन किया पर फ़ोन स्विच ऑफ था।

फिर मैंने उस दोस्त को फ़ोन किया जो मुझे सूचना दिया था। मैंने पूछा दीपक ने किस वजह से सुसाइड किया? तो कन्फर्म उसे भी पता नहीं था। तो उसने बताया की शायद लव अफेयर के वजह से। इसके बाद हम लोग अपने घर से बाहर आएं और बाइक में उसके घर गए। वहां पहुँचते ही लोगो भीड़ जमा था। पुलिस भी आ गयी थी। लोग तरह-तरह की बात कर रहे थे।

एक व्यक्ति से पूछने पर बताया की, अपनी प्रेमिका से लड़ाई होने पर जहर खा लिया और सुसाइड नोट भी मिला हैं। हमने पता करने की कोशिश की सुसाइड नोट में क्या लिखा हैं। उसने लिखा था –

“मम्मी -पापा मुझे माफ़ कर देना मै आपकी इच्छा पूरा न कर सका। आपने मुझे बहुत प्यार …

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Motivational Story in Hindi for Success | गुम है ख़ुशी

साथियों नमस्कार, कभी कभी इन्सान कुछ ऐसे रिश्तों में फंस जाता है जहाँ उसे अपने सपने पीछे छुटते नज़र आते हैं| ऐसी ही एक कहानी “Motivational Story in Hindi for Success | गुम है ख़ुशी” हमारी लेखिका लिपि चौहान ने हमें भेजी है, आशा है आपको हमारा यह संकलन पसंद आएगा|


Motivational Story in Hindi for Success | गुम है ख़ुशी

आज घर में अकेली थी ,राधा काम करके जा चुकी थी ,रवि ऑफिस जा चुके थे और में सारा काम निपटा के रेडियो पर गाने सुन रही थी। सुनते-सुनते नज़र शर्मा जी की बालकनी में टंगे पिंजरे पर पड़ी जहा एक प्यारा सा मिट्ठु  था।

एक खुबसुरा बोलने वाला मिट्ठू ,  जो अब बंद पिंजरे में चुप सा हो गया था। उसकी आँखे बस आकाश को देखती हुई आज़ादी का इंतज़ार करती थी उड़ने का इंतज़ार करती थी|

मुझे उससे हमदर्दी सी होने लगी वो तो एक असहाय पंछी है पर में तो इंसांन हूँ वो पिंजरा नहीं खोल सकता पर में सारे दरवाजे खोल सकती हूँ , पर क्यों हूँ  मै आज इस मुकाम पर?

माँ-पापा की चहेती,  भाई की जान और हर एक फंक्शन की जान थी मै| मुझे आज भी याद है, कॉलेज के उस फंक्शन में मेरे डांस परफॉरमेंस के बाद वन्स मोर-वन्स मोर की आवाजे आ रही थी| सारे टीचर्स और प्रिन्सिपल सर मेरी माँ को घेर कर खड़े थे|

प्रिंसिपल  तारीफ़ करते नहीं थक रहे थे| यही नहीं में कॉलेज टापर भी थी| मेरे यही सारे गुण देख कर रवि मर मिटे थे मुझ पर और मेरा हाथ मांग लिया| घर नौकरी सब अच्छी देख कर पापा ने भी मेरी शादी कर दी|

पहला एक साल तो प्यार मोहब्बत में कुछ ऐसा गुज़रा की पता ही नहीं चला| रवि की दीवानगी थी ही कुछ ऐसी थी| लेकिन वो दीवानगी सिर्फ दीवानगी नहीं थी एक ऐसा पिंजरा जो में मेरे लिए तैयार कर रही थी| जिसमे अब मेरा दम घुटता था|

मेरी खूबसूरती कोई और देखे तो रवि बर्दाश्त नहीं कर सकते थे| कोई मेरी कोई तारीफ़ करे ये भी उन्हें अच्छा नहीं लगता था| मै ज्यादा सजु-सवरू तो ताने मिलते थे|

एक कॉम्पिटिशन में भाग लेने के लिए जब मैने रवि से पूछा तो उन्कहोंने कह दिया की मेरी बीवी बीच बाजार में नाचे मुझे पसंद नहीं| क्या मेरी कला जो पूरी दुनिया पसंद करती है वो अब बाज़ारू भी हो गई थी ?

दिन ब दिन उम्मीदे मेरा दामन छोड़ …

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ईश्वर को प्राप्त करना संभव है – पौराणिक हिंदी कथा

भारत में पौराणिक हिंदी कथा (Pauranik katha) पढने की उत्सुकता आज भी बहुत ज्यादा है। ऐसी कथाएं ना सिर्फ रोचक होती है बल्कि हमें कुछ ना कुछ शिक्षा भी देकर जाती है. ऐसी ही एक पौराणिक हिंदी कहानी हम आपके लिए लेकर आये है।

Short Pauranik Katha in Hindi

एक धर्म गुरु थे। उनके प्रवचन से  प्रभावित होकर एक युवक ने उनको अपना गुरु बना लिया। युवक रोज गुरुजी के आश्रम आता, उनकी सेवा करता। गुरुजी जहाँ भी कहीँ प्रवचन करने जाते युवक को भी साथ ही ले जाते। इस प्रकार वह युवक लगभग हर सत्संग और प्रवचन में गुरुजी के साथ रहता।

गुरुजी को युवक के हाव भाव देखकर कुछ दिन से लग रहा था कि उसका मन कहीं भटक रहा है । एक दिन गुरु जी ने युवक को अपने पास बुला कर पूछा, ‘क्या बात है  पिछले कुछ दिनों से तुम परेशान लग रहे?’ युवक ने उत्तर दिया, ‘गुरुजी मैं पूरे श्रद्धा भाव से आपकी सेवा सत्कार कर रहा हूं, आपकी प्रवचन में बताई गई बातें भी पूरे ध्यान से सुनता हूँ लेकिन मैं आपका शिष्य इसलिए बना था क्योंकि मैं यह जानना चाहता था कि क्या ईश्वर को प्राप्त करना संभव है? परन्तु इतने दिनों तक आपकी संगत में रहने पर भी मुझे इस प्रश्न का उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। अतः मेरा मन थोड़ा अशांत है।

‘शिष्य की बात सुनकर गुरुजी मुस्कुराने लगे। उन्होंने कहा कि पुत्र इतनी भी क्या जल्दी है कुछ दिन और ईश्वर के चरणों में बिताओ फिर मैं तुम्हें ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताऊंगा।  कुछ दिन और बीते तो फिर से शिष्य को गुरुजी ने अपने समक्ष पाया। गुरु जी ने पूछा तुम सचमुच ईश्वर का साक्षात्कार करना चाहते हो? युवक ने उत्साहित होकर कहा, जी गुरुजी। गुरुजी ने कहा ठीक है आज मैं तुम्हें ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बतलाता हूँ, चलो मेरे साथ।

गुरुजी अपने शिष्य को लेकर नदी की ओर चल पड़े। नदी के किनारे पहुंचने पर गुरुजी ने अपने शिष्य को गर्दन से पकड़कर उसका मुँह नदी में डूबा दिया। गुरुजी के यूँ अचानक डुबोने से शिष्य संभल नहीं पाया और पानी से बाहर आने को छटपटाने लगा। कुछ देर युवक को यूँ ही डूबाये रखने के बाद गुरुजी ने युवक को छोड़ दिया। युवक ने लम्बी साँस ली फिर गुरुजी की ओर देखकर कहा आप यह क्या कर रहे थे! गुरुजी ने मुस्कुरा कर पूछा, जब तुम पानी में थे तो क्या सोच रहे थे, तुम्हारे मन को …

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