राजा और गमले की कहानी |ईमानदारी का फल |
बहुत ही समय पहले की बात है एक राजा था जो की बहुत ही ईमानदार था और अपनी सी ईमानदारी के लिए उसकी प्रजा उसको भगवान् मानती थी | लेकिन राजा अब बूढ़ा हो चूका था और उसको कोई संतान नहीं थी और वह यही सोचता था की कौन उसका उत्तराधिकारी बनेगा | समय बहुत तेजी से बदल रहा था और राजा ने सोच ही लिया की इस राज्य के ही किसी को उत्तराधिकारी बनाऊंगा | इसके लिए राजा ने अपने राज्य के सभी होनहार बच्चो को बुलाया और बोला मई आप लोगो को एक – एक बीज देता हूँ आप लोगो का यह बीज ले जाकर गमले में उगाना है और चार महीने बाद हम सब लोग फिर इकठा होंगे और उनमे से ही कोई राजा बनेगा |
सब बच्चे बहुत ही खुश थे और सब राजा बनाने के लिए ही कड़ी मेहनत करने लगे , उनमे से एक लड़का था जिसका नाम अनय था और वह अपनी माँ के साथ आया और घर पर गमले में बीज को लगा दिया और हर दिन उसकी सेवा करता | जब एक महीना बीत गया और अनय के गमले से कोई पौधा ही नही निकला तो वह परेशान होने लगा क्युकी उसके साथ वालो के गमले से तो पौधे बड़े होने लग थे | वह मन ही मन सोचने लगा हो सकता है मेरा बीज कुछ और टाइम लेगा उगने में और वह हर दिन उसकी सेवा करता था ,ऐसा ही करते – करते चार महीना पूरा होने को आ गया और बीज ऊगा ही नहीं , जो भी बच्चा उसका गमला देखता वह हसने लगता | अनय को भी बहुत ही शर्म आ रही थी की अब वह राजा को क्या बोलेगा \ उसने सोच ही लिया की वह राजा के पास नहीं जायेगा और बोल देगा की वह बहुत ही बीमार है | लेकिन उसकी माँ ने उसको खूब समझाया और बोला की तुमको जाना ही पड़ेगा | अपनी माँ के जिद के आगे उनकी एक भी नहीं चली और वह बीज का गमला लेकर चल दिया |
सब लोग उसके गमले को देख कर है रहे थे , सबका गमला हरा भरा था और बहुत ही सुन्दर था | अनय यह देख कर बहुत ही निराश हो गया और अपने गमले के साथ नीचे ही बैठ गया | थोड़ी ही देर में राजा भी आ गया और बोला सब लोग अपने गमले के साथ आये है न , …