“गृहवधू के अरमान” Housewife’s Emotional Story in Hindi
Housewife’s Emotional Story in Hindi
आंचल हमारी कहानी की मुख्य किरदार है. आंचल लाखो औरतो की तरह एक गृहवधू है और संयुक्त परिवार में रहने वाली एक महिला है. नित प्रतिदिन प्रातकाल उठकर घर के सभी चीज़ों का ध्यान रखती है.
आंचल के परिवार में सात सदस्य है. देवर, ननद ,पति, सास, ससुर, और दो बच्चे है. सभी की छोटी–बड़ी जरूरतों का ध्यान रखना उसका परम कर्त्तव्य है.
सुबह पति के आफिस जाने के लिए टिफ़िन, सास–ससुर की मालिश दवा से लेकर बच्चो का गृह्यकार्य यानी होमवर्क ., सारे काम–काज करती है. भारत में ८० फीसदी औरतें परिवार का ध्यान रखना और दफ्तर के सारे काम बखूबी निभाती है. इसी दैनिक जीवन में सारे कार्य करके अपार ख़ुशी की अनुभूति होती है. ननद, देवर के प्रति सारी जिम्मेदारी निभाती है.
Husband Wife Emotional Story in Hindi
आंचल एक ग्रेजुएट थी लेकिन आगे पढ़ने के बारे में सोचना उसके लिए कठिन पर्वत की चढाई करने के बराबर थी. घर की इतनी सारी जिम्मेदारी उसके कंधे पर थी.
आंचल एक कर्तव्यपरायण स्त्री थी. वह घर में सभी सदस्यों के प्रति जिम्मेदारी निभाने से पीछे न हटी.
ननद की शादी दो महीने बाद थी. अपने पति से वह आगे अपने शिक्षा प्राप्ति करने के विषय हेतु बात करना चाहती थी. आंचल के मन में उथल–पुथल चल रहा था.
अगले दिन सवेरे सभी को नाश्ता पड़ोसनें के बाद अपने पति से कहा -“सुनिए ! मैं अपनी आगे की शिक्षा पूर्ण करना चाहती हूँ. मैं आपसे इस विषय में चर्चा करना चाहती हूँ. यह सुनकर विजय असमंजस में पड़ गए और कहा “इस उम्र में आगे पढ़कर क्या करोगी? घर के काम– काज से वक्त मिलेगा तुम्हे !
आंचल ने कहा ” जी जी मैं सब संभाल लूँगी!”
विजय ने कहा ” मैं माँ–बापूजी से विचार–विमर्श करके उत्तर दूंगा “
एक महीना बीत गया और विजय इस बात को किसी बहाने से टालता रहा. आंचल अब भी मन में आस लगाए हुए बैठी विजय के जवाब का इंतज़ार कर रही थी. आंचल ने खुद बात करने की ठानी.
विजय अपने कुछ मित्रों के साथ शाम को घर पर आया. आंचल का जन्मदिन था. बदकिस्मती ये थी की उसका जन्मदिन किसी को याद नहीं आया. विजय के एक मित्र ने कहा ” भाभी जी कहाँ काम करती है?”
विजय ने कहा -” सिर्फ घर के काम और कुछ नहीं “
विजय अपने मित्रों से कहीं घूमने जाने की बात करने लगा . विजय को अपने मित्रों …