अगर आप शायरी और ग़ज़ल प्रेमी हैं तो आपके इस लेख में एक से बढ़कर एक अच्छी अच्छी ग़ज़ल या लम्बी शायरिया पढ़ने को मिलेगी| सभी गज़ले बहुत ही प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखी गयी हैं जो की दिल की गहराईयो को छूती हैं
Hindi Gazal By Famous Poet
Hindi Gazal
1) मुक्कमल किताब हूँ Gazal on Mohabbat
मुक्कमल किताब हूँ
तेरी ही अल्फ़ाज़ हूँ
अधूरा सा खुआब हूँ
पर लाजवाब हूँ
सपनो में जो आई थी
बस जरा सा मुस्कुराई थी
ये देख दिल खुशगवार हुआ
फिर मिलने का जिंदगी भर इंतज़ार हुआ
बे इख़्तेयार प्यार हुआ
न मेरा इज़हार हुआ
न उसका इंकार हुआ
फिर महबूब मेराज हुआ
सारी मोहब्बत एक राज़ हुआ
फिर ये मुकम्मल किताब हुआ||
~Meraj Ibn Sami
2) Kabhi Shabnam Jagjit Singh Gazal
कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह,
लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह,
मेरे महबूब मेरे प्यार को इलज़ाम न दे,
हिज्र में ईद मनाई है मुहर्रम की तरह,
मैंने खुशबू की तरह तुझको किया है महसूस,
दिल ने छेड़ा है तेरी याद को शबनम की तरह,
कैसे हमदर्द हो तुम कैसी मसीहाई है,
दिल पे नश्तर भी लगाते हो तो मरहम की तरह
~Jagjit Singh
3) Intaha aaj Ishque Ki Kar Di Gazal in Hindi Lyrics
इंतहा आज इश्क़ की कर दी
आपके नाम ज़िन्दगी कर दी
था अँधेरा ग़रीब ख़ाने में
आपने आ के रौशनी कर दी
देने वाले ने उनको हुस्न दिया
और अता मुझको आशिक़ी कर दी
तुमने ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे बिखरा कर
शाम रंगीन और भी कर दी!!
~Jagjit Singh
4) आपके दिल ने हमें आवाज दी Best Hindi Gazal
आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए
हमको ले आई मोहब्बत आपकी हम आ गए
अपने आने का सबब हम क्या बताएँ आपको
बैठे बैठे याद आई आपकी हम आ गए
हम है दिलवाले भला हम पर किसी का ज़ोर क्या
जायेंगे अपनी ख़ुशी अपनी ख़ुशी हम आ गए
कहिये अब क्या है चराग़ों की ज़रुरत आपको
लेके आँखों में वफ़ा की रौशनी हम आ गए
~Jagjit Singh
5) Tera Chahera Jagjit Sing Hindi Gazal
तेरा चेहरा है आईने जैसा
क्यों न देखूँ है देखने जैसा
तुम कहो तो मैं पूछ लूँ तुमसे
है सवाल एक पूछने जैसा
दोस्त मिल जाएँगे कई लेकिन
न मिलेगा कोई मेरे जैसा
तुम अचानक मिले थे जब पहले
पल नही है वो भूलने जैसा
~Jagjit Singh
6) Meri Aadat Jagjit Gazal
काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है
मेरा गला गर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
हर क़ातिल को गले लगाना मेरी आदत है
जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से हैं सब दूर
ऐसे लोगों को अपनाना मेरी आदत है
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुपचाप मगर
अपने दिल की करते जाना मेरी आदत है
~Jagjit Singh
7) Nida Fazli Best Gazal in Urdu Lyrics
कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई
जिससे जब तक मिले दिल ही से मिले दिल जो बदला तो फसाना बदला
रस्में दुनिया की निभाने के लिए हमसे रिश्तों की तिज़ारत ना हुई
दूर से था वो कई चेहरों में पास से कोई भी वैसा ना लगा
बेवफ़ाई भी उसी का था चलन फिर किसीसे भी शिकायत ना हुई
वक्त रूठा रहा बच्चे की तरह राह में कोई खिलौना ना मिला
दोस्ती भी तो निभाई ना गई दुश्मनी में भी अदावत ना हुई
~Nida Fazli
8) Jagjit Sing Best Ever Gazal चांदी जैसा रंग है तेरा
चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल
एक तू ही धनवान है गौरी, बाकि सब कंगाल
हर आँगन में आये तेरे, उजले रूप की धुप
छैल छबीली रानी थोड़ा घूँघट और निकाल
भर भर नज़रें देखें तुझको आते जाते लोग
देख तुझे बदनाम न कर दे हिरणी जैसी चाल
सामने तू आये तो धड़के मिलकर लाखों दिल
अब जाना धरती पर कैसे आते हैं भूचाल
बीच में रंग महल है तेरा, खाई चारों ओर
हमसे मिलने की गौरी अब तू ही राह निकाल
~Jagjit Singh
Romantic Ghazal in Hindi
Romantic Ghazal in Hindi
9) आहिस्ता चलो Gazal by Gulzar
देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता ज़रा,
देखना, सोच-सँभल कर ज़रा पाँव रखना,
ज़ोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं.
काँच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में,
ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,
जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जाएगा!!
~Gulzar
10) कल की रात टल गयी Gulzar Gazal in Hindi
अपने आप जल गयी
कल की रात टल गयी
इक धुआं उठा था
फिर राख में बदल गयी
बून्द बून्द टपकी शब्
सड़कों पर पिघल गयी
कल जो रात टल गयी
कितना कुछ बदल गयी
~Gulzar
11) तेरे आगे चाँद पुराना लगता है
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है
तिरछे तिरछे तीर नज़र के लगते हैं
सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता है
आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है
हँसता चेहरा एक बहाना लगता है
Lyrics by- कैफ़ भोपाली
Singer- जगजीत सिंह
12) मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ
मेरा शऊर जगाओ के मैं शराबी हूँ
ज़माने भर की निगाहों से गिर चुका हूँ मैं
नज़र से तुम ना गिराओ के मैं शराबी हूँ
ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालो से
उठा सको तो उठाओ के मैं शराबी हूँ
तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आँखों में
नज़र नज़र से मिलाओ के मैं शराबी हूँ!!
~सबा सीकरी
13) देस में निकला होगा चाँद Lyrics by राही मासूम रज़ा
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चाँद
अपनी रात की छत पर कितना तनहा होगा चाँद
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आँसू का इक क़तरा होगा चाँद
रात ने ऐसा पेंच लगाया टूटी हाथ से डोर
आँगन वाले नीम में जाकर अटका होगा चाँद
चाँद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीते
मेरे बिना किस हाल में होगा कैसा होगा चाँद!!
~राही मासूम रज़ा
14) बरसेंगे जोर-शोर से बादल Gazal
दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये
होने लगी है शहर में हलचल संभालिये
चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है
नाज़ुक बड़ी है आपकी पायल संभालिये
सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो
टकरा न जाए आपका पागल संभालिये
घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ
बरसेंगे जोर-शोर से बादल संभालिये
~ मदन पाल
15) ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
वो सितारा है चमकने दो यूँ ही आँखों में
क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो
पत्थरों में भी ज़ुबाँ होती है दिल होते हैं
अपने घर की दर-ओ-दीवार सजा कर देखो
फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है
वो मिले या न मिले हाथ बढा़ कर देखो
~Jagjit Singh
16) एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ बरसों से
हर जगह ढूँधता फिरता है मुझे घर मेरा
एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा
मुद्दतें बीत गईं ख़्वाब सुहाना देखे
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
आईना देखके निकला था मैं घर से बाहर
आज तक हाथ में महफ़ूज़ है पत्थर मेरा
~Jagjit Singh