Dosti dushmani shayari in hindi
तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो”
जो मिले ख़्वाब मैं वही दौलत हो
किश लिए देखती हो आइना
तुम तो खुद से बी ज़यादा खूबसूरत हो…
जीना छह मगर जी न सके तेरे बिना
चार दमन हम सी न सके तेरे बिना
तूने मुझे भूल कर नै दुनिया बसली
हम तो मुस्कुरा भी न सके तेरे बिना
इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया
हर ख़ुशी से अनजान कर दिया
हमने खभ नहीं चाहा की हमें इश्क़ हो
पर उनकी एक नज़र ने हमे नीलम कर दिया
तो ही मिल जय मुझय बस इतना ही काफी है.
मेरी हर साँस न्य बस यह ही दोवा मांगी है
जन्य कियो दिल खिंचा चला जाता है
तेरी तरफ किया तो न्य भी मुझय पानी की दोवा मांगी है
न कोई जाने मुझे न मैं किसी को जानू
मेरी पहचान को अब तुम मिटा दो
मैं अब रह नहीं सकती उससे जुड़ा होकर
मुझे क़त्ल कर दो या करवा दो………..
बेवफाई ओस्कि मिटा की आया हूँ..
खत ऑस्कय पानी में बहा कर आया हूँ..
कोई पढ़ न लय ओस बेवफा की यादो को..
इसलिए पानी में बी आग लगा कर आया हूँ
खत्म था हम पे मोहब्बत का तमाशा गया
रूह और जिस्म को हर रोज़ जुड़ा करते रहे
ज़िन्दगी हम से तेरे नाज़ न उठाये गए
सांस लेने की फ़क़त रस्म अदा करते रहे …
अल्लाह बचाये मर्ज़-इ-इश्क़ साईं दिल को,
सुनते है कई ये आरजा अछा नहीं होता.
हम यह भी करते है तो हो जताई है बदनाम,
वो क़तल भी करते है तो चर्चा नहीं होता
रत चुप थे मगर खमोश न थी
आँखें थे खुली मगर होश न थी
बंद था दिल मगर मोत न थी
सब कुछ था मगर बे-लोस्स न थी
अब क इश्क़ ने ऐसी मेरी हालत कर दी..
आईने ने भी इन्कारेये सूरत कर दी.
उस की रुखसत पे जूनून ऐसा उठा..
हम ने शहर भर की आँखों में में वेह्शत भर दी.
हाथ से हाथ चुराने लगे हो
मुझको पत्थर का बनाने लगे हो
ज़रा ठहरो में यकीन तो करलूं
तुम मुझे चोर के जाने लगे हो…
वफ़ा की जंग मत लर्न ये बेकार जाती है !
ज़माना जीत जाता है मोहब्बत हार जाती है
हमारा त चोरो हम ऐसी लोग है जिन को !!!
ज़माना कुछ नहे कहता जुदाई मार जाती है !!!
हर एक चेहरे पे गुमान उसका था
बसा न कोई दिल में ये खली माकन उसका था
तमाम दुःख मेरे दिल से मिट गए
लेकिन जो न मिट सका वो १ नाम उसका था.
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम
दूसरे ही पल खुवाब बनकर उर जाते हो तुम
जानती हो क लगता हिअ दर तन्हाइयो से
पहर बे बार बार तनहा चोर जाते हो तुम.