Tag: Two Line Shayari
ज़िंदगी का सार हो तुम मां
गुलाब की तरह हो तुम मां! मेरे मन मंदिर में महकती हो।
ज़िंदगी का सार हो तुम मां! तुम्हीं दिल से मुझे समझती हो।
~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’…
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गुलाब की तरह हो तुम मां! मेरे मन मंदिर में महकती हो।
ज़िंदगी का सार हो तुम मां! तुम्हीं दिल से मुझे समझती हो।
~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’…