Yaad Shayari, Naraj sa ho jata hu main khud se

नाराज़ सी हो जाती हूँ मैं खुद से,
कोसती हूँ फिर मैं खुद को खुद से,
आँखें बँद करुँ तो तुम ही नज़र आते हो
तुम ऐसे मुझे बेइंतहा याद क्यों आते हो।

नाराज़ सा हो जाता हूँ मैं खुद से,
कोसता हूँ फिर मैं खुद को खुद से,
आँखें बँद करुँ तो तुम ही नज़र आते हो
तुम ऐसे मुझे बेइंतहा याद क्यों आते हो।

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